Saturday, July 27, 2024
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शहर में आपका घर लेने का सपना पूरा करवायेगी यह सब्जी, आज ही शुरू करे इसकी खेती, जानिए कैसे?

शहर में आपका घर लेने का सपना पूरा करवायेगी यह सब्जी, आज ही शुरू करे इसकी खेती, जानिए कैसे? आलू का एक प्रकार की सब्जी है जो साल भर इसका उपयोग करते है , और सफ़ेद कंद के नाम जसे भी जाना है, किसान भाई आलू की खेत करने के लिए सबसे पहले मिटटी का P H मान को चेक करवाते है की मिट्टी आलू की खेती करने के उपजाऊ है की नहीं है। वैसे तो आलू की खेती सितम्बर से नबम्बर के बीच समय खेती करने के अनुकूल होता है, लेकिन जो अभी खेती, बीज नहीं कर पाए है तो उनके के लिए अच्छी खबर ये है की इसकी खेती को नबम्बर से लेकर 25 दिसम्बर तक सकते है।

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आलू पोषक तत्वों से है भरपूर

आलू में राइबोफ्लेबिन ,थाइमिन विटामिन बी 6, विटामिन और भी विभिन प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते है जो शरीर को बहुत सारे पोषक तत्व प्रदान करते है। आलू से हम विभिन प्रकार के टेस्टी -टेस्टी भोज्य पदार्थ बनाये जाते है, जिसके चलते बाजार में इसका एक अलग स्थान है जिससे मार्किट में काफी मुनाफा होता है। आलू की खास बात यह है कि यह सबसे चलने वाली सब्जी यह जल्दी ख़राब नहीं होती है। इसीलिए लोग इसे ज्यादा खरीदते है। इसकी कीमत भी काफी होती है। मार्केट में अभी इसकी 25-30 रूपये किलो भाव है।

मिटटी का PH मान कितना होना चाहिए

आलू की फसल लगाने के लिए मिटटी का P H मान 4.5 से लेकर 5.4 के बीच में होना चाहिए। और साथ ही इसकी मिटटी भुरभुरी और रेतीली लाल मिट्टी होना चाहिए ,वैसे आलू की फसल पहाड़ी धेत्रो में बहुत अच्छी तरह से होती है। बीज को अंकुरित करने के लिए इसका तापमान 22 से 24 डिग्री का होना चाहिए। और आलू के कंद बढ़ाने के लिए उसका का तापमान 18 से 20 डिग्री का होना अनिवार्य है। इसमें प्रति हेक्टेयर में 87 किलो DAP को डाला जाता है , और 55 किलो यूरिया मिलाया जाता है। फिर उसके बाद OMP को 80 किलो डाला जाता है। सबसे विशेष बात यह की आलू को लगाने से पहले खेतो की अच्छी तरह 2 से 3 बार जुताई हकाई को कर ले…

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आलू की विभिन प्रकार की वैरायटी

हमारे भारत में वैसे कई ढेर सारी किस्मे है। जो की अलग -अलग समय में पकने वाली फसल है , जिससे जो फसल जल्दी से पक जाती है ये 80 से 100 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। जैसे की इन फसलों का नाम कुफरी अलंकार ,कुफरी पुखराज ,कुफरी अशोका ,कुफरी चंद्रमुखी ,कुफरी जवाहर ये सब फसल जल्दी से पककर तैयार हो जाती है जिससे किसानो काफी फायदा होता है। जो समय बाद पककर तैयार होती है उन फसलों के नाम कुफरी लालिमा ,कुफरी सदाबाहर ये फसल थोड़ा लेट से पककर तैयार होती है। इसी प्रकार से किसानो को काफी मुनाफा होता है।

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