आप भी जानते है कपूर का इस्तेमाल बहुत सी चीजों में किया जाता है। जिसका सबसे ज्यादा इस्तेपाल पूजा-पाठ में किया जाता है. माना जाता है कि यह वातावरण को शुद्ध करने के लिए लाभकारी होता है। इसके अलावा यह बहुत से गुणों सेव् भरपूर होता है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है। कपूर को बनाया कैसे जाता है। पहला देसी कपूर या प्राकृतिक कपूर और दूसरा कृत्रिम कपूर. चलिए जानते है।
कपूर का पौधा
यह भी पढ़े –आपके हसीन हाथों से नहीं हटेंगी लोगों की नजारा, देखे यह नेल आर्ट डिजाइन और लगाने का तरीका
प्राकृतिक कपूर को देसी कपूर, भीमसेनी कपूर, जापानी कपूर आदि सभी नामों से जाना जाता है। इसको कपूर के पेड़ से की पत्तियों, छाल लकड़ी से आसवन विधि का प्रयोग कर के इसे बनाया जाता है। जो सफेद क्रिस्टल के रूप में बनकर प्राप्त होता है। इसके पेड़ की बात की जाये तो बायोलॉजिकल नाम सिनामोमम कैम्फोरा काम से जाना जाता है , जो ज्यादातर चीन, ताइवान कोरिया आदि देशों में मिलता है। और भारत में देहरादून, मैसूर,नीलगिरी, सहारनपुर में पाया जाता है।
कृत्रिम कपूर
कृत्रिम कपूर पर, जिसे कैमिकल तरीके से बनाकर तैयार किया जाता है। जिसे प्राप्त करने के लिए तारपीन का तेल को रासयनिक क्रियाओं को पूरा करने के बाद प्राप्त किया जाता है।
असली और नकली कपूर की पहचान कैसे करे
असली के नाम पर नकली सामान चेंप देने का धंधा जोरों से आज भी चल रहा है। ऐसे में असली और नकली कपूर की पहचान करना है तो आपको कपूर को पानी में दाल दीजिये। अगर यह असली है तो नीचे पानी में जम जायेगा। और नहीं तो ऊपर ही रहेगा। इस तरह से पहचान कर सकते है।
कैसे लाभकारी होता है कपूर
कपूर का इस्तेमाल आप सिर दर्द हो या शरीर दर्द, खांसी जुकाम की दवाई से लेकर कफ सिरप, स्किन की समस्या, खुजली, बवासीर आदि के इलाज की दवाई बनाने में आसानी से कर सकते है। तथा सांस से जुड़ी परेशानियों से राहत दिलाने में भी आप इसका इस्तेमाल कर सकते है। इससे फेफड़े के इंफेक्शन को बहुत जल्दी कम किया जा सकता है। मांसपेशियों और जोड़ों में होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है। इस तरह से यह बहुत सी बीमारियों को दूर करने में लाभकारी होता है।