सरसों की खेती से किसान हो रहे है मालामाल किसान मालामाल बिना किसी मेहनत के कम समय कर रहे है छप्परफाड़ कमाई यह एक तिलहनी फसल है जिसका तेल निकाला जाता है। सरसों व उसके तेल के बाजार भाव अन्य फसलों की अपेक्षा सही मिल जाते हैं। ऐसे में अधिकांश किसान इसकी खेती करते हैं। जैसा कि अभी रबी सीजन में जिन किसानों ने सरसों की फसल बोई है और वह फसल 10 से 20 दिन की हो गई है तो ऐसे समय में इसकी देखभाल करना और उसकी सुरक्षा करना जरूरी हो जाता है आप भी सरसो की खेती करके कमा सकते है भारी मुनाफा।
सरसों में अंगूरन के बात होता है इस किट का प्रकोप
![](https://www.navsavera.in/wp-content/uploads/2023/11/image-606-1024x576.png)
अगर हम बात करे यह सरसो में किट का प्रकोप के बारे में तो सरसो में अंकुर के बद कीट 7 से 10 दिन की अवस्था में पौधे की पत्तियों का रस चूसकर फसलों को पूरी तरह से नष्ट कर देता है। बहुत से किट सरसो में कोई गरे तरीके से नुकसान पहुंचते है जो की इस कीट की सूंडी फसल को नुकसान पहुंचाती है और पौधे को पत्ती रहित कर देती है। केवल डंठल रह जाता है। ऐसे में किसानों के लिए सरसों की फसल की प्रारंभिक अवस्था में निगरानी करना बेहद आवश्यक है।
ऐसे करे इन मक्खियों पर नियंत्रण
![](https://www.navsavera.in/wp-content/uploads/2023/11/image-607.png)
सरसों की खेती में कैसे करे इन मक्खियों पर नियंत्रण सरसों में पेंटेड बग व आरा मक्खी का प्रकोप अधिक होता है। इसके लिए किसान कुछ नीचे दिए गए उपाय अपना सकते हैं। हमेशा बीजों को पूजित लक्षण से जाना हुआ ही बोना चाहिए। पेंटेड बग एवं आरा मक्खी का प्रकोप अधिक हो तो इसकी रोकथाम के लिए सुबह व शाम के समय कीटनाशक रसायन का का फुवारा करना चाहिए।
सरसों के फसल में लगने वाले अन्य किट
सरसों के फसल में लगाने वाले कीटो की बात की जाये तो इस कीट के शिशु एवं प्रौढ़ पौधों के कोमल तनों, पत्तियों, फूलों एवं नई फलियों से रस चूसकर उसे कमजोर एवं क्षतिग्रस्त तो करता ही है, साथ ही रस चूसते समय पत्तियों पर मधुस्त्राव भी करते हैं। इस मधुस्त्राव पर काले कवक का प्रकोप हो जाता है तथा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया बाधित हो जाती है। इस कीट का प्रकोप दिसंबर-जनवरी से लेकर मार्च तक रहता है।